Kavita Jha

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छंद गीत #हिंदी दिवस प्रतियोगिता लेखनी -18-Sep-2022

मनहरण घनाक्षरी (8 8 8 7)
सृजन शब्द - हिंदी
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अपनी है पहचान, बात भली यह मान,
हिंदी से बढ़ती शान, पढ़िए पढ़ाइए।

शर्म नहीं कभी आए, हिंदी ही जिसको भाए,
अंग्रेजी बोल न पाए, हंँसी न उड़ाइए।

राष्ट्र भाषा है प्यारी, यह माँ सी है हमारी,
इससे दुनिया सारी, उत्साह जगाइए।

सब भाषा की जननी, हिफाजत है करनी,
 नहीं करना छलनी, इसको संभालिए।।
***
कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी
##लेखनी हिन्दी दिवस प्रतियोगिता 

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6 Comments

बहुत ही उम्दा सृजन और उत्कृष्ठ रचना

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Kavita Jha

25-Sep-2022 07:21 PM

सादर आभार आदरणीय 🙏

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Perfect 🥰

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Swati chourasia

20-Sep-2022 01:26 PM

Wahh wahh 👌👌

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